Class 12th Chemistry ( रासायनिक बलगतिकी ) Short Answer Type Question in Hindi Pdf Download Inter Exam 2022

प्रश्न 1. क्या कोई ऐसी अभिक्रिया भी है जिसके अभिक्रमक की सान्द्रता समय के साथ घटती नहीं है ?

उत्तर⇒ शून्य कोटि अभिक्रिया के लिए अभिक्रिया वेग सान्द्रता पर निर्भर नहीं करता अतः समय के साथ इन अभिक्रियाओं के अभिकर्मक की सान्द्रता घटती नहीं है।

प्रश्न 2. क्या किसी अभिकर्मक की सक्रियण ऊर्जा शून्य होती है ?

उत्तर⇒ आरहेनियस समीकरण में k = Ae-Ea/RT
           यदि Ea = 0 तथा k = A ऊर्जा अर्थात् संघट्ट अभिक्रिया के लिए उत्तरदायी है जो कि सत्य नहीं है अतः Ea शून्य नहीं हो सकता।

प्रश्न 3. T→ a के लिए अरहेनियस समीकरण के लिए वेग स्थिरांक से k का मान ज्ञात करें। क्या यह मान भौतिक रूप से संभव है ?

उत्तर⇒ आरहेनियस समीकरण t = Ae-Ea/RT यदि T→ α, k→ A इसलिए Ea = 0 जो कि संभव नहीं है।

प्रश्न 4. कुछ फोटो अभिक्रिया के लिए ΔG का मान धनात्मक होता है, क्यों ?

उत्तर⇒ क्योंकि प्रकाश ऊर्जा का कुछ भाग अवशोषित होता है जो ΔG ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है।

प्रश्न 5. यह मानते हुए कि लगभग सभी अभिक्रियाओं के लिए सक्रियण ऊर्जा 52 kJ है। ऐसी स्थिति में अभिक्रिया वेग पर प्रभाव लिखें।

उत्तर⇒ T1 = 300 K, T2 = 310 K, Ea = 52000 J/मोल

आरहेनिअस समीकरण log 99. जनमत संग्रह किस देश की एक विशेषता है।
हमें k2 = 2k1 प्राप्त होता है यह दर्शाता है कि तापमान में 10°C वृद्धि अभिक्रिया वेग में दो गुणा वृद्धि करता है।

प्रश्न 6. HCl व HBr को फोटो अभिक्रिया की संभाव्यता एक समान है। हालांकि पहले उदाहरण (HCl के लिए) की क्वांटा क्षमता उच्च है, ऐसा क्यों है ?

उत्तर⇒ क्योंकि प्रथम चरण Cl + H2 → HCl + H ऊष्माक्षेपी है जबकि द्वितीय Br + H2 → HBr + H एक ऊष्माशोषी है।

प्रश्न 7. प्रथम कोटि अभिक्रिया 69.3 सेकेंड में 50% पूर्ण होती है। 80% पूर्ण होने के लिए समय की गणना करें।

उत्तर⇒ t1/2 = 69.3 मिनट

प्रथम कोटि अभिक्रिया 69.3 सेकेंड में 50% पूर्ण होती है

प्रश्न 8. निम्न गैसीय अभिक्रिया के लिए
2N2 (g) → 2NO (g) + O2 (g)
(i) अभिक्रिया वेग लिखें।
(ii) यदि NO2 की सांद्रता में कमी का वेग 6.0 × 10-12s-1 हो तब NO और O2 की सान्द्रता के संदर्भ में वेग निरूपित करें।

उत्तर⇒ (i) वेग = k [NO2]2

(ii) NO की बढ़ती सान्द्रता के लिए वेग = 60 × 10-12s-1 O2 की बढ़ती सान्द्रता के लिए वेग = 3.0 × 10-12s-1

प्रश्न 9. प्रथम कोटि अभिक्रिया के लिए ग्राफ निरूपित करें।

उत्तर⇒ प्रथम कोटि अभिक्रिया के लिए अभिक्रिया वेग सान्द्रता बढ़ने पर बढ़ता है।

प्रश्न 10. शून्य कोटि अभिक्रिया के लिए वेग व समय के बीच ग्राफ निरूपित करें।

उत्तर⇒ ग्राफ में एक सीधी रेखा मिलती है जो दर्शाती है कि शून्य कोटि अभिक्रिया सान्द्रता पर निर्भर नहीं करती साथ में समय पर भी।

प्रश्न 11. प्रथम कोटि के प्रतिक्रिया का वेग स्थिरांक 0.005 मिनट-1 है। इस प्रतिक्रिया का अर्द्धकाल समय निकालें।
प्रथम कोटि के प्रतिक्रिया का वेग स्थिरांक
प्रश्न 12. प्रथम क्रम की प्रतिक्रिया की अर्धआयु की गणना करें जिसका प्रतिक्रिया दर स्थिरांक 5 वर्ष-1 है।

उत्तर⇒ t1/2 =प्रथम क्रम की प्रतिक्रिया की अर्धआयु की गणना करें जिसका प्रतिक्रिया दर= 0.138 year

प्रश्न 13. जलीय विलयनों के वैद्युत अपघटन में प्रायः प्लैटिनम एवं पैलेडियम जैसे पदार्थ क्यों प्रयुक्त किये जाते हैं ?

उत्तर⇒ प्लैटिनम एवं पैलेडियम जैसी धातु कम क्रियाशील धातु है। इसलिए सामान्यतः ये क्रिया नहीं करती उत्पाद के साथ जब जलीय विलयनों का वैद्युत अपघटन किया जाता है।

प्रश्न 14. अमोनिया प्राप्त करने के लिए हाबर प्रक्रम में CO को हटाना क्यों आवश्यक है ?

उत्तर⇒ हॉबर प्रक्रम से अमोनिया बनाने के लिए ठोस उत्प्रेरक का प्रयोग होता है। उत्पन्न CO को हटाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि CO गैस लोहे से क्रिया कर Fe (CO) बनाती है तो कक्ष ताप पर द्रव अवस्था में होता है तथा NH3 उत्पादन में बाधा उत्पन्न करता है क्योंकि उच्च ताप पर CO तथा H2 क्रिया करते हैं जिससे उत्पादन घटता है।

प्रश्न 15. एस्टर का जल अपघटन प्रारंभ में धीमा एवं कुछ समय पश्चात् तीव्र क्यों हो जाता है ?

उत्तर⇒ एस्टर के जलयोजन के दौरान एक उत्पाद कार्बनिक अम्ल बनता है जो उत्प्रेरक की भाँति व्यवहार करता है तथा अभिक्रिया को सक्रिय करता है। अतः एस्टर का जलयोजन आरम्भ में मन्द व बाद में तीव्र हो जाता है।

प्रश्न 16. सेमीकंडक्टर की विद्युत चालकता ताप बढ़ाने पर क्यों बढ़ जाती है ?

उत्तर⇒ अर्द्धचालक में संयोजक बैंड और चालक बैंड के बीच अंतराल कम होता है। अतः ताप बढ़ाने पर अधिक संख्या में इलेक्ट्रॉन चालक बैंड में चले जाते है जिसके कारण ताप बढ़ाने पर अर्द्धचालक की चालकता बढ़ जाती है।

प्रश्न 17. निम्न पर संक्षिप्त नोट लिखें :
(क) ब्राउनियम गति (ख) अभिक्रिया का अर्द्धकाल ।

उत्तर⇒ (क) ब्राउनियम गति- राबर्ट ब्राउन ने 1827 ई में गति का पता लगाया था। कोलायडी विलयनों को सूक्ष्मदर्शी से देखने पर पता चलता है कि कोलायडी कण टेढ़े-मेढ़े तरीके से निरंतर गति करते रहते हैं; अंधेरे कमरे में एक छोटे पिण्ड से निकलते प्रकाश मार्ग में या प्रोजेक्टर से पर्दे पर पड़ने वाले प्रकाश मार्ग से धूल के कण लगातार गति करते हुए दिखते हैं। इस गति का कारण 1863 में बीनर द्वारा दिया गया जिसके अनुसार यह गति कोलायडी कणों के परिक्षेपण माध्यम के अणुओं के साथ असमान रूप से टक्कर के कारण उत्पन्न होती है। कोलायडी कण अपने चारों ओर के परिक्षेपण माध्यम के अणुओं से टकराते रहते हैं और गति करते रहते हैं। कोलाइडी कण का आकार तथा परिक्षेपण माध्यम की श्यानता पर बाउनी गति निर्भर करती है। कोलायडी कण जितने ही सूक्ष्म होते हैं और परिक्षेपण माध्यम की श्यानता जितनी कम होती है बाउनी गति उतनी ही अधिक होती है। कणों का आकार बढ़ने से ब्राउनी गति कम होती है और निलम्बन में पूर्ण समाप्त हो जाती है।
 (ख) अर्द्ध जीवन काल- किसी भी प्रथम कोटि की प्रति के ठीक आधा सम्पन्न होने में जो समय लगता है उसे अर्द्धजीवन काल कहा जाता है। इसे t1/2 से सूचित किया जाता है।

हम जानते हैं :
निम्न पर संक्षिप्त नोट लिखें :

निम्न पर संक्षिप्त नोट लिखें :
प्रश्न 18. रासायनिक अभिक्रिया के वेग पर प्रभाव डालने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर⇒ रासायनिक अभिक्रिया वेग को प्रभावित करने वाले निम्न कारक हैं
(i) अभिकर्मक की प्रकृति
(ii) अभिकर्मक की सान्द्रता
(iii) तापमान
(iv) अभिकारक का पृष्ठीय क्षेत्रफल
(v) विकिरण
(vi) उत्प्रेरक।

प्रश्न 19. किसी अभिक्रियक के लिए एक अभिक्रिया द्वितीय कोटि की है। अभिक्रिया का वेग कैसे प्रभावित होगा, यदि अभिक्रिया की सांद्रता

(i) दुगुनी कर दी जाए                          (ii) आधी कर दी जाए
उत्तर⇒ वेग = k [A]2 = ka2
यदि [A] = 2a, वेग = k [2a]2 = 4 ka2 = 4 गुणा
यदि [A] = क्योंकि धन आकृति में चार विकर्ण होते हैं a, वेग = a/22 1/4 ka2 1/4 गुणा

अतः द्वितीय कोटि की अभिक्रिया का वेग चार गुणा हो जाएगा यदि
सान्द्रता को दुगना कर दिया जाए और यह 1/4 गुणा रह जाएगा यदि सान्द्रता आधी कर दी जाए।

प्रश्न 20. वेग स्थिरांक पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है ?
ताप के इस प्रभाव को मात्रात्मक रूप में कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं ?

उत्तर⇒ अभिक्रिया का वेग स्थिरांक ताप बढ़ने पर बढ़ता है तथा 10° ताप बढ़ने पर स्थिरांक का मान दुगुना हो जाता है। आरहेनियस समीकरण स्थिरांक पर ताप का प्रभाव दर्शाता है।
k = Ae-Ea/Rt
जहाँ A आवृत्ति गुणक है जो एक लिटर आयतन में प्रति सेकेंड संघट्ट होने वालों की संख्या ज्ञात करता है।
Ea सक्रिय ऊर्जा, Ts तापमान, R गैस स्थिरांक समाकलन में समीकरण
सक्रिय ऊर्जा, Ts तापमान, R गैस स्थिरांक समाकलन में समीकरण
जब T1T2 ताप पर k1 व k2 वेग स्थिरांक है।

प्रश्न 21. एक अभिक्रिया A के प्रति प्रथम तथा B के प्रति द्वितीय कोटि की है-
(i) अवकल वेग समीकरण लिखिए।
(ii) B की सांद्रता तीन गुनी करने से वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
(iii) A तथा B दोनों की सांद्रता दुगुनी करने वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

उत्तर⇒ (i) एक अभिक्रिया A के प्रति प्रथम तथा B के प्रति k[A][B]2
(ii) वेग = k ab2
यदि [B] को तीन गुणा कर दिया जाए।
जब वेग = ka(3b)2 = 9 kab2 वेग 9 गुणा बढ़ेगा।
(iii) यदि दोनों [A] और [B] दो गुणा हो जाए तब
वेग = k (2a) (2b)2
= 8 kab2 = 8 गुणा
अतः वेग 8 गुणा बढ़ेगा।

प्रश्न 22. ताप का वेग स्थिरांक पर क्या प्रभाव होगा ?

उत्तर⇒ अभिक्रिया चाहे ऊष्माशोषी हो या ऊष्माक्षेपी ताप के बढ़ने पर प्रभावित होती है। KMnO4 और H2C2O4 मिश्रण में KMnO4 का रंग तेजी से बदलेगा उच्च ताप पर प्रति 10°C ताप वृद्धि वेग स्थिरांक को दो गुणा बढ़ाती है। आर्हेनियम समीकरण, अभिक्रिया पर ताप का प्रभाव दर्शाती है।.
.                    k = Ae-Ea/RT
जहाँ A = आर्हेनियस आवृत्ति गुणांक है।
R = गैस स्थिरांक व E0 सक्रिय ऊर्जा।

प्रश्न 23. तात्क्षणिक अभिक्रिया दर से आपका क्या मतलब है ?

उत्तर⇒ अभिक्रिया में शामिल होने वाले पदार्थों में से किसी एक पदार्थ की सान्द्रता का नियत क्षण में बदलने की दर, तात्क्षणिक अभिक्रिया दर कही जाती है।
                A→ प्रतिकारक
जबकि तात्क्षणिक अभिक्रिया की दर = तात्क्षणिक अभिक्रिया दर से आपका क्या मतलब है
और d[A] सूक्ष्म परिवर्तन प्रतिकारक [A] का तथा dt सूक्ष्म समय अंतराल।

प्रश्न 24. किसी अभिक्रिया के वेग-स्थिरांक पर ताप का क्या प्रभाव होता है ? मात्रात्मक से किस प्रकार वेग-स्थिरांक पर ताप के प्रभाव को दर्शाया जा सकता है ?

उत्तर⇒ बहुत-सी अभिक्रियाओं के वेग-स्थिरांकोंकिसी अभिक्रिया के वेग-स्थिरांक पर ताप का क्या प्रभाव होता है
में ताप वृद्धि के साथ वृद्धि होती है। यह पाया गया
है कि InK का 1/T के विपरीत आरेख एक सीधी
रेखा देती है जिसे निम्नलिखित समीकरण द्वारा दर्शाया जाता है।
InK = InA – Ea/RT           …(i)
यह समीकरण आर्हेनियस समीकरण के नाम
से जाना जाता है तथा इसे निम्न समीकरण से भी
दिखाया जाता है।
K = Ae-Ea/RT                      …(ii)
         समीकरण (ii) से यह स्पष्ट है कि वेग-स्थिरांक का मान ताप-वृद्धि पर घातांकीय ढंग से बढ़ा है।


class 12th chemistry Subjective question 2022 

 S.NCHEMISTRY ( रसायन विज्ञान ) SUBJECTIVE
1 ठोस अवस्था
2 विलयन
3 वैधुत रसायन
4रसायन बलगतिकी
5 पृष्ठ रसायन
6 तत्वों के निष्कर्षण के सामान्य सिद्धांत
7p-ब्लॉक के तत्व
8 d एवं -ब्लॉक के तत्व
9 उप-सहसंयोजक यौगिक
10 हैलोएलकेन्स तथा हैलोऐरिन्स
11 ऐल्कोहॉल, फीनॉल एवं ईथर
12 ऐल्डिहाइड, कीटोन एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल
13 ऐमीन
14 बहुलक
15जैव अणु
16 दैनिक जीवन में रसायनऔर विविध
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