Class 12th Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 5

 


Q. 120. वामपंथी दल से क्या समझते हैं ?

Ans ⇒ भारतीय राजनीति में काँग्रेस के विरुद्ध साम्यवादी दल, मार्क्सवादी दल को वामदल की संज्ञा दी जाती है। यह दल अपने कार्यक्रमों के माध्यम से गरीब, दलित, शोषित एवं सर्वहारा दल के हित की रक्षा के लिए यह दल कार्यरत रहता है। यह दल पूँजीपतियों के खिलाफ है। एक लम्बे समय तक पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा आदि राज्यों के शासन में इसकी भूमिका प्रमुख थी।


Q. 121. संयुक्त राष्ट्र संघ के कौन-कौन से अंग है ?

Ans ⇒ संयुक्त राष्ट्र संघ के छः अंग हैं

(i) महासभा (ii) सुरक्षा परिषद् (iii) आर्थिक और सामाजिक परिषद् (iv) संरक्षण या न्यास परिषद (v) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय एवं (vi) सचिवालय।


Q. 122. बिमारू राज्यों का क्या अर्थ है ?

Ans ⇒ भारत में वैसे राज्य जो आर्थिक, दृष्टिकोण से पिछड़े हुए हैं। वहाँ पर लोगों में शिक्षा की कमी, बेरोजगारी, महिलाओं की आर्थिक स्थिति दयनीय है। इसका उदाहरण उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम के समीपवर्ती राज्य एवं बिहार का भी कुछ हिस्सा बिमारू राज्य के श्रेणी में आता है।


Q. 123. राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों में क्या अन्तर है ?

Ans ⇒ जो दल राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव जीतकर संसद में आता है उसे राष्ट्रीय दल की संज्ञा दी जाती है। इसमें कुल मतदान का कुछ प्रतिशत निर्धारित रहता है। भारत में भाजपा, भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस, कम्युनिष्ट पार्टी एवं तृणमुल दल राष्ट्रीय दल है।
जो दल क्षेत्रीय स्तर पर या प्रान्तीय स्तर पर जीत प्राप्त कर संसद या विधानमंडल की सदस्यता प्राप्त करता है उसे क्षेत्रीय दल की संज्ञा दी जाती है। बिहार में जनता दल यू, राजद एवं उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा आदि दल क्षेत्रीय दल में आते हैं।


Q. 124. राज्य और संघशासित राज्य में क्या अन्तर है ?

Ans ⇒ भारत में संघीय प्रणाली को अपनाकर शासन संचालित किया जाता है। संघ एवं राज्य के क्षेत्रों को विभक्त कर शासन चलाया जाता है। राज्य शासन का वास्तविक प्रधान मुख्यमंत्री होता है। जैसे बिहार, यू०पी०, बंगाल आदि राज्य हैं। अभी भारत में 28 राज्य है।
भारत के कुछ क्षेत्रों में संघशासित राज्य है जिसका प्रधान लेफ्टीनेंट गवर्नर जनरल होता है। वह केन्द्र सरकार द्वारा मनोनीत किया जाता है। भारत में संघशासित राज्यों की संख्या 9 है। जिसमें , अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दमन, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर और लद्दाख आदि राज्य संघशासित राज्य हैं।


Q. 125. मोदी का नोटबन्दी प्रोग्राम क्या है ?

Ans ⇒ भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवम्बर, 2016 के एक घोषणा द्वारा यह कहा कि आज से भारत में 500 और 1000 के पुराने नोट नहीं चलेंगे। मोदी का यह एक क्रान्तिकारी फैसला था। इससे देश में काला धन पर रोक के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों पर भी लगाम लगाया जा सकता है। किन्तु पुराने नोट भी 31 दिसम्बर, 2016 तक बैंकों और पोस्टऑफिस में बदला जा सकता है। इतना ही नहीं 31 मार्च 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक में उचित कारण देकर पुराने नोट बदले जायेंगे।


Q.126. मोदी का सर्जिकल स्ट्राइक क्या है ?

Ans ⇒ पाकिस्तान द्वारा शुरू से लेकर आज तक भारत-पाकिस्तान सीमा पर आतंकवादियों द्वारा भारतीय सीमा में प्रवेश कर निरपराध भारतीयों की हत्या की जा रही है। इतना ही नहीं भारतीय सीमा में घुसकर लगभग 20 भारतीय जवानों को मौत के घाट उतार कर आतंकवादी पाक सीमा में घुस गये। इसी को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री मोदी ने जांबाज भारतीय सैनिकों को पाक में भेजकर सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों को मारकर पुनः वापस आ गये। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादियों द्वारा 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में 40 सैनिकों को मार दिये जाने के बाद 26 फरवरी, 2019 को सर्जिकल स्ट्राइक II द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के ट्रेनिंग सेंटर पर हवाई हमलों द्वारा करीब 300 पाक आतंकवादियों को मारकर भारतीय सैनिक वापस लौट आया।


Q.127.सुरक्षा नीति का संबंध किससे होता है ? इसे क्या कहा जाता है ? इसे रक्षा कब कहा जाता है ?

Ans ⇒ युद्ध में कोई सरकार भले ही आत्मसमर्पण कर दे लेकिन वह इसे अपने देश की नीति के रूप में कभी प्रचारित नहीं करना चाहेगी। इस कारण, सुरक्षा-नीति का संबंध युद्ध की आशंका को रोकने में होता है जिसे ‘अपराध’ कहा जाता है और युद्ध को सीमित रखने अथवा उसको समाप्त करने से होता है जिसे रक्षा कहा जाता है।


Q.128. हरित क्रांति क्या है ?

Ans ⇒ सरकारी खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कृषि की एक नई रणनीति अपनाई। जो इलाके अथवा किसान खेती के मामले में पिछड़े हुए थे। शुरू में सरकार ने उनको ज्यादा सहायता देने की नीति अपनायी थी। इस नीति को छोड़ दिया गया। सरकार ने जब उन इलाकों पर ज्यादा संसाधन लगाने का फैसला किया जहाँ सिंचाई सुविधा मौजूद थी और जहाँ के किसान समृद्ध थे। इस नीति के पक्ष में दलील यह दी गई कि जो पहले से ही सक्षम हैं वे कम उत्पादन को तेज रफ्तार से बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। सरकार ने उच्च गुणवत्ता के बीच, उर्वरक, कीटनाशाक और बेहतर सिंचाई सुविधा बड़े अनुमादित मूल्य पर मुहैया कराना शुरू किया। सरकार ने इस बात की भी गारंटी दी कि उपज को एक निर्धारित मूल्य पर खरीद लिया जाएगा। यही उस परिघटना की शुरूआत थी, जिसे ‘हरित क्रांति’ कहा जाता है।


Q.129. शिक्षा और रोजगार में पुरुषों और महिलाओं की स्थिति का अंतर बताइए।

Ans ⇒ पुरुषों और महिलाओं की स्थिति में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में अंतर है। स्त्री साक्षरता 2001 में 54.16 प्रतिशत थी जबकि पुरुषों की साक्षरता 75.85 प्रतिशत थी। शिक्षा के अभाव के कारण रोजगार, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सुविधाओं के उपयोग जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की सफलता सीमित है।


Q. 130. उन कारणों/कारकों का उल्लेख कीजिए जिनकी वजह से सरकार ने इस्पात उद्योग उड़ीसा में स्थापित करने का राजनीतिक निर्णय लेना चाहा ? ..

Ans ⇒ (a) इस्पात की विश्वव्यापी माँग बढ़ी तो निवेश के लिहाज से उड़ीसा एक महत्वपूर्ण जगह के रूप में उभरा। उड़ीसा में लौह-अयस्क का विशाल भंडार था और अभी इसका दोहन बाकी था। उड़ीसा की राज्य सरकार ने लौह-अयस्क की इस अप्रत्याशित माँग को भुनाना चाहा। उसने अंतर्राष्ट्रीय इस्पात निर्माताओं और राष्ट्रीय स्तर के इस्पात-निर्माताओं के साथ सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए।

(b) सरकार सोच रही थी कि इससे राज्य में जरूरी पूँजी-निवेश भी हो जाएगा और रोजगार के . अवसर भी बड़ी संख्या में सामने आएँगे।


Q.131. उड़ीसा में लौह-इस्पात उद्योग की स्थापना का, वहाँ के आदिवासियों ने क्यों विरोध किया था? .

Ans ⇒ लौह-अयस्क के ज्यादातर भंडार उड़ीसा के सर्वाधिक अविकसित इलाकों में हैं खासकर इस राज्य के आदिवासी-बहुल जिलों में। आदिवासियों को डर है कि अगर यहाँ उद्योग लग गए तो उन्हें अपने घर-बार से विस्थापित होना पड़ेगा और आजीविका भी छिन जाएगी।


Q.132. पर्यावरण विदों के विरोध के क्या कारण थे ? उनके विरोध के बावजूद भी केन्द्र उड़ीसा में इस्पात उद्योग की स्थापना के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी क्यों देना चाहती थी?

Ans ⇒ उड़ीसा में इस्पात प्लांट लगाये जाने से पर्यावरणविदों को इस बात का भय है कि खनन और उद्योग से पर्यावरण प्रदूषित होगा। केन्द्र सरकार को लगता है कि अगर उद्योग लगाने की अनुमति नहीं दी गई, तो इससे एक बुरी मिसाल कायम होगी और देश में पूँजी निवेश को बाधा पहुँचेगी।


Q.133. चकबन्दी से क्या लाभ है ?

Ans ⇒ चकबन्दी से कृषकों को उन्नत किस्म के आदानों का प्रयोग करने में सहायता मिलती है। . तथा वे कम से कम प्रयत्नों से अधिकतम उत्पादन करने में सफल होते हैं। इससे उत्पादन लागत में भी कमी आती है।


Q.134. भूमि सुधार से क्या अभिप्राय है ?

Ans ⇒ भूमि सुधार से अभिप्राय भूमि (जोतों) के स्वामित्व में परिवर्तन लाना। दूसरे शब्दों में भूमि सुधार में भूमि के स्वामित्व के पुनः वितरण को शामिल किया जाता है।


Q.135. कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए क्या प्रयत्न किए गये ?

Ans ⇒ असमानता को दूर करने के लिए भूमि सुधार किया गया तथा उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए उन्नत बीजों का प्रयोग किया गया। सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया गया। कृषि में आधुनिक मशीनों तथा उपकरणों का प्रयोग में लाया गया। .


Q. 136. भारत अमेरिकी सम्बन्धों की उत्पत्ति कैसे हुई ?

Ans ⇒ भारत और अमेरिका के सम्बन्ध पुराने हैं। स्वतंत्रता-प्राप्ति से पूर्व राष्ट्रीय आन्दोलन के ‘समय से ही अमेरिका भारत के प्रति सहानुभूति रखता था और उसने भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन को सहारा दिया था। इस हेतु द्वितीय विश्वयद्ध के काल में अमेरिका ने ब्रिटेन पर दबाव बनाया कि भारत का भी आत्मनिर्णय का अधिकार मिलना चाहिए। भारत के लोगों के प्रति अमेरिका की सहानभति सोवियत प्रभाव को रोकने के उद्देश्य से भी थी।


Q. 137. ब्लादिमीर लेनिन का एक महान सोवियत संघ के नेता के रूप में संक्षेप में उल्लेख कीजिए।

Ans ⇒ ब्लादिमीर लेनिन का जन्म 1870 तथा देहांत 1924 में हुआ था। यह बोल्शेविक कम्युनिस्ट पाटी के संस्थापक थे। अक्टूबर 1917 की सफल रूसी क्रांति के नायक लेनिन, क्रांति के बाद सबसे कठिन दौर (1917-24) में सोवियत समाजवादी गणराज्य (USSR) के संस्थापक तथा अध्यक्ष रहे। वह माक्सवाद के असाधारण सिद्धांतकार और उसे व्यावहारिक रूप देने में महारथी साबित हुए। लेनिन पुरी दुनिया में साम्यवाद के प्रेरणा स्रोत बने रहे। उन्होंने अथक परिश्रम करके सोवियत संघ को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर किया।


Q.138. सीमांत गांधी कौन थे ? उनके द्वि-राष्ट सिद्धांत के बारे में दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए उनकी भूमिका का संक्षिप्त विवरण दीजिए।

Ans ⇒ खान अब्दुल गफ्फार खान पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत (North-West Frontier Province NWFP) (पेशावर के मूलतः निवासी) के निर्विवाद नेता थे। वह काँग्रेस के नेता तथा लाल कुर्ती नामक संगठन के जन्मदाता थे। वह सच्चे गाँधीवादी, अहिंसा, शांतिप्रेम के समर्थक थे। उनकी प्रसिद्धि ‘सीमांत गाँधी’ के रूप में थी। वे द्वि-राष्ट्र-सिद्धांत के एकदम विरोधी थे। संयोग से, उनकी आवाज की अनदेखी की गई और ‘पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत’ को पाकिस्तान में शामिल मान लिया गया।


Q.139. हमारे देश के बंगाल को पश्चिमी बंगाल क्यों कहा जाता है ? संक्षेप में बताइए।

Ans ⇒ देश विभाजन के समय बंगाल (प्रांत या राज्य) का दो भागों में विभाजन हुआ। एक भाग पूर्वी बंगाल (जो सन् 1971 तक पूर्वी पाकिस्तान तथा 1971 से आज तक अब बांग्लादेश) कहा जाता है। तथा जो बंगाल के उन भाग को जो भारत में आ गया उसे पश्चिमी बंगाल कहा गया। आज तक यही नाम चला आ रहा है।


Q.140. रजवाड़ों के संदर्भ में सहमति-पत्र का आशय स्पष्ट कीजिए।

Ans ⇒ शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए लगभग सभी रजवाडे जिनकी सीमाएँ आजाद हिन्दुस्तान की नयी सीमाओं से मिलती थीं, 15 अगस्त, 1947 से पहले ही भारतीय संघ में शामिल हो गए। अधिकतर रजवाड़ों के शासकों ने भारतीय संघ में अपने विलय के एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए । इस सहमति-पत्र को ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ कहा जाता है। इस पर हस्ताक्षर का अर्थ था कि रजवाड़े भारतीय संघ का अंग बनने के लिए सहमत हैं। जूनागढ़, हैदराबाद, कश्मीर और मणिपुर की. रियासतों का विलय वाकियों की तुलना में थोड़ा कठिन साबित हुआ।


Q.141. आंध्र प्रदेश के गठन के संदर्भ में पोट्टी श्रीरामुलु का नाम किस तरह जुड़ा हुआ है ?

Ans ⇒ 1. प्रांत के तेलगुभाषी क्षेत्रों में विरोध भड़क उठा। पुराने मद्रास प्रांत में आज के तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश शामिल थे। इसके कुछ हिस्से मौजूदा केरल एवं कर्नाटक में भी हैं। विशाल आंध्र आंदोलन (आंध्र प्रदेश नाम से अलग राज्य बनाने के लिए चलाया गया आंदोलन) ने मांग की कि मद्रास प्रांत के तेलगुभाषी इलाकों को अलग करके एक नया राज्य आंध्रप्रदेश बनाया जाए। तेलुगुभाषी क्षेत्र की लगभग सारी राजनीतिक शक्तियाँ मद्रास प्रांत के भाषाई पुनर्गठन के पक्ष में थी।

2. केन्द्र सरकार ‘हाँ-ना’ की दुविधा में थी और उसकी इस मनोदशा से इस आंदोलन ने जोर पकड़ा। काँग्रेस के नेता और दिग्गज गांधीवादी, पोट्टी श्रीरामुलु, अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल पर बैठ गए। 56 दिनों की भूख-हड़ताल के बाद उनकी मृत्यु हो गई। इससे बड़ी अव्यवस्था फैली।

3. आंध्र प्रदेश में जगह-जगह हिंसक घटनाएँ हुईं। लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल आए। पुलिस फायरिंग में अनेक लोग घायल हुए या मारे गए। मद्रास में अनेक विधायकों ने विरोध जताते हुए अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। आखिरकार 1952 के दिसंबर में प्रधानमंत्री ने आंध्रप्रदेश नाम से अलग राज्य की घोषणा की।


Q. 142. बर्लिन-दीवार का निर्माण एवं विध्वंस किस तरह ऐतिहासिक घटना कहलाती है ?

Ans ⇒ शीतयुद्ध के सबसे सरगर्म दौर में बर्लिन-दीवार (1961 ई० में) खड़ी की गई थी और यह दीवार शीतयद्ध का सबसे बड़ा प्रतीक थी। 1989 में पूर्वी जर्मनी की आम जनता ने इस दीवार को गिरा दिया। इस नाटकीय घटना के बाद और भी नाटकीय तथा ऐतिहासिक घटनाक्रम सामने आया। इसकी परिणति दूसरी दुनिया के पतन और शीतयुद्ध की समाप्ति में हुई। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद विभाजित हो चुके जर्मनी का अब एकीकरण हो गया।


Q.143. स्वतंत्रता के बाद भारत जैसे नए राष्ट्र की कौन-सी चुनौतियाँ थी ?

Ans ⇒ 1947 के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम के चलते भारत का विभाजन हुआ और भारत एवं पाकिस्तान नामक दो अधिराज्यों की स्थापना हुई। देश विभाजन के चलते देश की राष्ट्रीय एकता काफी प्रभावित हुई। देश का वातावरण खून-खराबा, लूटपाट तथा सांप्रदायिक दंगों से विषाक्त हो गया। वैसे तो स्वतंत्र भारत के समक्ष अनेक समस्याएँ और चुनौतियाँ थीं, लेकिन प्रमुख रूप से निम्नलिखित तीन चुनौतियाँ थीं, जिनपर काबू पाए बिना हम देश की एकता को बचाने में कामयाब नहीं रह सकते थे 1. राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने की चुनौती, 2. देश में लोकतंत्र बहाल करने की चुनौती तथा 3. संपूर्ण समाज के विकास और भलाई को सुनिश्चित करने की चुनौती।


Q.144. महिला सशक्तिकरण से आप क्या समझते हैं ?

Ans ⇒ महिला सशक्तिकरण का सीधा अर्थ है कि महिलाएँ इतनी सशक्त हो सकें कि वे सामाजिक, आर्थिक तथा राष्ट्रीय दायित्वों के निर्वाह की क्षमता प्राप्त कर लें। कोई भी व्यवस्था अपनी आधी आबादी की उपेक्षा कर या भागीदार न बना कर अपनी स्थिति को सुदृढ़ नहीं कर सकता है। इस प्रकार महिला सशक्तिकरण का व्यापक अर्थ यह है कि महिलाओं की क्षमता का उपयोग राष्ट्र निर्माण के संदर्भ में किया जाए। अर्थात् महिला सशक्तिकरण एक सामाजिक और राष्ट्रीय आवश्यकता है। महिलाओं को पुरुषों के समान क्षमतावान, सक्रिय सहभागी तथा निर्णय निर्माता बनाना है। इसके लिए यह आवश्यक है कि महिलाओं के लिए शैक्षणिक, सामाजिक तथा आर्थिक बाधाएँ दूर की जाएँ।


Q.145. श्रीलंका के जातीय संघर्ष में किनकी भूमिका प्रमुख है ? उनकी भूमिका पर विचार-विमर्श कीजिए।

Ans ⇒ 1. श्रीलंका के जातीय संघर्ष में भारतीय मूल के तमिल प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। उनके संगठन लिट्टे की हिंसात्मक कार्यवाहियों तथा आंदोलन के कारण श्रीलंका को जातीय संघर्ष का सामना करना पड़ा जिसकी माँग है कि श्रीलंका के एक क्षेत्र को अलग राष्ट्र बनाया जाये।
2. श्रीलंका की राजनीति पर बहुसंख्यक सिंहली समुदाय का दबदबा रहा है। तथा तमिल सरकार एवं नेताओं पर उनके (तमिलों के) हितों की उपेक्षा करने का दोषारोपण करते रहे हैं।
3. तमिल अल्पसंख्यक हैं। ये लोग भारत छोड़कर श्रीलंका आ बसी एक बड़ी तमिल आबादी के खिलाफ हैं। तमिलों का बसना श्रीलंका के आजाद होने के बाद भी जारी रहा। सिंहली राष्ट्रवादियों का मानना था कि श्रीलंका में तमिलों के साथ कोई रियायत’ नहीं बरती जानी चाहिए क्योंकि श्रीलंका सिर्फ सिंहली लोगों का है।
4. तमिलों के प्रति उपेक्षा भरे बर्ताव से एक उग्र तमिल राष्ट्रवाद की आवाज बुलंद हुई। 1983 के बाद से उग्र तमिल संगठन ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑव तमिल ईलम’ (लिट्टे) श्रीलंकाई सेना के साथ सशस्त्र संघर्ष कर रहा है। इसने ‘तमिल ईलम’ यानी श्रीलंका के तमिलों के लिए एक अलग देश की माँग की है। श्रीलंका के उत्तर पूर्वी हिस्से पर लिट्टे का नियंत्रण है।


Q.146. ऐसे दो मसलों के नाम बताएँ जिन पर भारत-बांग्लादेश के बीच आपसी सहयोग है और इसी तरह दो ऐसे मसलों के नाम बताएँ जिन पर असहमति है।

Ans ⇒ (a) भारत-बांग्लादेश के बीच दो आपसी सहयोग के मसले – भारत और बांग्लादेश कई मसलों पर सहयोग करते हैं पिछले दस वर्षों के दौरान दोनों के बीच आर्थिक संबंध ज्यादा बेहतर हुए हैं बांग्लादेश भारत के ‘पूरब चलो’ की नीति का हिस्सा है। इस नीति के अंतर्गत म्यांमार के जरिए दक्षिण-पूर्व एशिया से संपर्क की बात है। आपदा प्रबंधन और पर्यावरण के मसले पर भी दोनों देशों ने निरंतर सहयोग किया है। इस बात के भी प्रयास किए जा रहे हैं कि साझे खतरों को पहचान कर तथा एक-दूसरे की जरूरतों के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता बरतकर सहयोग के दायरे को बढ़ाया जाए।

(b) भारत-बांग्लादेश के बीच आपसी असहमति के मसले – बांग्लादेश और भारत के बीच गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी के जल में हिस्सेदारी सहित कई मुद्दों पर मतभेद हैं। भारतीय सरकारों के बांग्लादेश से नाखुश होने के कारणों में भारत में अवैध आप्रवास पर ढाका के खंडन, भारत-विरोधी इस्लामी कट्टरपंथी जमातों को समर्थन, भारतीय सेना को पूर्वोत्तर भारत में जाने के लिए अपने इलाके से रास्ता देने से बांग्लादेश के इंकार, ढाका के भारत को प्राकृतिक गैस निर्यात न करने के फैसले तथा म्यांमार को बांग्लादेशी इलाके से होकर भारत को प्राकृतिक गैस निर्यात न करने देने जैसे मसले शामिल हैं। बांग्लादेश की सरकार का मानना है कि भारतीय सरकार नदी-जल में हिस्सेदारी के सवाल पर क्षेत्रीय दादा की तरह बर्ताव करती है। इसके अलावा भारत की सरकार पर चटगांव पर्वतीय क्षेत्र में विद्रोह क हवा देने: बांग्लादेश के प्राकृतिक गैस में सेंधमारी करने और व्यापार में बेईमानी बरतने के भी आरोप हैं। रोटय्या शरणार्थियों का मामला भी दोनों देशों के आपसी असहमति का कारण है।


Q.147. अयोध्या मुद्दा क्या था ?

Ans ⇒ अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को लेकर दशकों से विवाद चलता आ रहा है। अनेक हिन्दुओं की मान्यता है कि मुगल बादशाह के सिपहसलार मीर बाकी ने भगवान राम का जन्मभूमि पर निर्मित राम मंदिर को तोड़कर उस स्थान पर मस्जिद बनवाया था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद मस्जिद में ताला लगा दिया गया क्योंकि मामला अदालत के हवाले था। 6 दिसम्बर, 1992 को देश के विभिन्न क्षेत्रों से अयोध्या आये मस्जिद के विध्वंस की भारतीय धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध बताया। अयोध्या में मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने नवम्बर, 2019 को अयोध्या में रामलला के मंदिर निमाण क पक्ष म फैसला सुनाया है। इसके बाद यह समस्या का अंत हो गया।


Q.148. विश्व व्यापार संगठन क्या है ?

Ans ⇒ 1947 में गैर जेनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एण्ड की रचना हुई थी जो अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर सका। अत: उसकी जगह 1995 में विश्व व्यापार संगठन बना । उसका हर दो वर्ष बाद सम्मेलन होता है। जिसमें व्यापार संबंधी मामलों में चर्चा की जाती है। निर्णय बहुमत से लिए जाते हैं जो सभी सदस्य राज्यों को बाध्यकारी है। उसका अपना न्यायाधिकरण है जिसमें राज्यों के बीच व्यापार संबंधी विवादों का निपटारा होता है।


Q.149. यूरोपीय संघ का निर्माण किन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया ?

Ans ⇒ यूरोपीय संघ के प्रमुख उद्देश्य हैं – आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, अपने क्षेत्र का सतत व संतलित विकास करना, क्षेत्र में स्थायित्व को बनाये रखना, जीवन स्तर को ऊँचा उठाना तथा सदस्य राज्यों के बीच निकट आर्थिक संबंध स्थापित करना। सभी सदस्य राज्यों को इस संधि की परिषद के आदेश का पालन करना अनिवार्य है।


S.N  Class 12th Political Science Question 2022
1. Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न )  PART- 1
2. Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न )  PART- 2
3. Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न )  PART- 3
4. Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न )  PART- 4
5. Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न )  PART- 5
6. Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न )  PART- 6
7. Political Science ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )  PART- 1
8. Political Science ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )  PART- 2
9. Political Science ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )  PART- 3
10. Political Science ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )  PART- 4
11. Political Science ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )  PART- 5
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