Psychology

Class 12th Psychology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 6


Q.126. अभिक्षण क्या है ?

Ans किसी विशेष क्षेत्र की विशेष योग्यता को अभिक्षमता कहते हैं। अभिक्षमता विशेषताओं का एक समायोजन है जो व्यक्ति द्वारा प्रशिक्षण के उपरांत किसी विशेष क्षेत्र के ज्ञान अथावा कौशल की क्षमता को प्रदर्शित करता है। जैसे-यदि हमें गणित की किसी समस्या का समाधान ढूँढना हो तो हम किसी गणित के जानकार व्यक्ति से सहायता लेते हैं लेकिन यदि किसी हिन्दी कविता कठिनाई होती है तो इसके लिए हम हिन्दी जानकार व्यक्ति से सहायता लेते हैं। इसी में कोई समस्या होती है तो स्कूटर मेकेनिक के पास जाते हैं। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की ये विशिष्ट तथा कौशल ही अभिक्षमताएँ कहलाती हैं।


Q.127.चेतना के तीन स्तरों के बारे में लिखें।

Ans फ्रायड के व्यक्तित्व के सिद्धान्त में सांवेगिक द्वन्द्वों के स्रोतों एवं परिणामों पर तथा इनके द्वारा की जानेवाली प्रतिक्रिया पर विचार किया गया है। ऐसा विचार करते हुए चेतना के तीन स्तरों के रूप में देता है।
1. चेतन – इसके अर्न्तगत वे चिंतन, भावनाएँ और क्रियाएँ आती हैं जिनके प्रति लोग जागरूक रहते हैं।
2. अवचेतन – इसके अन्तर्गत वे मानसिक क्रियाएँ आती हैं जिसके प्रति लोग तभी जागरूक जब वे उनपर सावधानीपूर्वक ध्यान केन्द्रित करते हैं।
3. अचेतन – यह चेतना का तीसरा स्तर है। इसके अन्तर्गत ऐसी मानसिक क्रियाएँ आती हैं जिसके प्रति लोग जागरूक नहीं होते हैं।


Q.128. मन:चिकित्सा के प्रमुख प्रकारों के नाम लिखें।

Ans यद्यपि सभी मन: चिकित्साओं का उद्देश्य मानव कष्टों का निराकरण करना होता है तथापि वे संप्रत्ययों, विधियों और तकनीक में एक-दूसरे से बहुत भिन्न होते हैं। इस तरह मनः चिकित्सा को तीन व्यापक समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है –

(i) मनोगतिक चिकित्सा
(ii) व्यवहार चिकित्सा
(iii) अस्तित्वपरक चिकित्सा।

इन तीनों चिकित्साओं के अनुसार मनोवैज्ञानिक समस्या के अलग-अलग कारण होते हैं। जैसे-मनोगतिक चिकित्सा व्यक्ति के मानस में विद्यमान द्वन्द्व को मनोवैज्ञानिक समस्याओं का स्रोत मानता है तो व्यवहार चिकित्सा, व्यवहार एवं संज्ञान के दोषपूर्ण अधिगम को इसकी उत्पति का कारण मानता है। इसी तरह अस्तित्वपरक चिकित्सा की अभिधारणा है कि अपने जीवन और अस्तित्व के अर्थ से सम्बन्धित प्रश्न ही मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण होते हैं।
जिस तरह से ये तीनों विधियाँ मनोवैज्ञानिक समस्याओं की उत्पत्ति के सम्बन्ध में एक-दूसरे से भिन्न हैं उसी तरह मनोवैज्ञानिक समस्याओं का निराकरण भी ये अलग-अलग तरीकों से करती हैं।


Q. 129. वायु प्रदूषण क्या हैं ? इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है ?

Ans आधुनिकीकरण तथा औद्योगीकरण के कारण हमारे पर्यावरण को हवा की गुणवत्ता अत्यधिक प्रभावित हुई है। हवा हमारे तथा सभी जीव-जंतुओं के जीवन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। वाहनों तथा उद्योगों से निकलनेवाला धुआँ, धूम्रपान आदि से हवा में खतरनाक जहर घुल जाते हैं। इसे हम वायु-प्रदूषण के नाम से जानते हैं।
हम इस समस्या के प्रति अपनी सजगता बढ़ाकर इस पर नियंत्रण कर सकते हैं-वाहनों को अच्छी हालत में रखने से या ईंधन रहित वाहन का उपयोग कर तथा धूम्रपान की आदत छोड़कर हम वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं।


Q.130. किन्हीं तीन प्रकार के रक्षायुक्तियों का वर्णन करें।

Ans फ्रायड ने विभिन्न प्रकार की रक्षायुक्तियों का वर्णन किया है। जिनमें तीन की चर्चा नीचे की जा रही है

(a) दमन (Repression) – दमन रक्षा युक्तियों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इसमें दुश्चिंता उत्पन्न करने वाले व्यवहार एवं विचार पूरी तरह चेतना के स्तर से विलुप्त कर दिए जाते हैं। जब लोग किसी भावना या इच्छा का दमन करते हैं तो वे उस भावना या इच्छा के प्रति बिल्कुल जागरूक नहीं होते हैं।

(b) प्रक्षेपण (Projection) – प्रक्षेपण में व्यक्ति अपने विशेषकों को दूसरों पर आरोपित कर देता है। जैसे-किसी व्यक्ति में अगर प्रबल आक्रामक प्रवृत्तियाँ हैं तो वह दूसरे लोगों में अत्यधिक रूप से अपने प्रति होनेवाले व्यवहारों को आक्रामक देखता है।

(c) प्रतिक्रिया निर्माण (Reaction Formation) – प्रतिक्रिया निर्माण में व्यक्ति अपनी वास्तविक भावनाओं और इच्छाओं के ठीक विपरीत प्रकार का व्यवहार अपनाकर अपनी दुश्चिता से रक्षा करने का प्रयास करता है। जैसे-कोई प्रबल कामेच्छा से ग्रस्त व्यक्ति यदि अपनी ऊर्जा को धार्मिक क्रियाकलापों में लगाता है तो ऐसा व्यवहार प्रतिक्रिया निर्माण का उदाहरण है।


Q.131. प्राथमिक समूह तथा गौण समूह में अन्तर स्पष्ट करें।

Ans कूले द्वारा किया गया समूह विभाजन अधिक संतोषप्रद है। इन दोनों समूहों में निम्नांकित अंतर पाया जाता है –

प्राथमिक समूह का आकार छोटा होता है। जैसे-परिवार; जबकि गौण समूह का आकार बड़ा होता है। जैसे-राजनीतिक दल।
प्राथमिक समूह के सदस्यों में औपचारिकता नहीं होती है या कम होती है। जबकि गौण समूह के सदस्यों में औपचारिकता अधिक होती है।
प्राथमिक समूह के सदस्यों के बीच घनिष्ठ पारस्परिक सम्बन्ध होता है; जबकि गौण समूह सदस्यों के बीच घनिष्ठ पारस्परिक सम्बन्ध नहीं होता है।
प्राथमिक समूह छोटा होता है, अतः इसके सदस्यों में आमने-सामने का सम्बन्ध होता है; जबकि गौण समूह का बड़ा होता है, अतः इसके सदस्यों में आमने-सामने का सम्बन्ध नहीं होता है।


Q.132. परामर्श का अर्थ लिखें।

Ans परामर्श एक प्राचीन शब्द है फलतः इसके अनेक अर्थ बताए गए हैं। वेबस्टर शब्दकोष के अनुसार, “परामर्श का अर्थ पूछताछ पारस्परिक तर्क-वितर्क या विचारों का पारस्परिक विनिमय है।” रॉबिन्सन ने परामर्श की अत्यन्त स्पष्ट परिभाषा देते हुए कहा है कि परामर्श में वे सभी परिस्थितियाँ सम्मिलित कर ली जाती हैं, जिससे परामर्शप्रार्थी अपने आपको पर्यावरण के अनुसार समायोजित करने में सहायता प्राप्त कर सकें। परामर्श दो व्यक्तियों से सम्बन्ध रखता है। परामर्शदाता तथा परामर्शप्रार्थी। परामर्शप्रार्थी की कुछ समस्याएँ तथा आवश्यकताएँ होती हैं जिनको वह अकेला बिना किसी की राय या सुझाव के पूरा नहीं कर सकता है। इन समस्याओं के समाधान तथा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उसे वैज्ञानिक राय की आवश्यकता होती है और यह वैज्ञानिक राय या सुझाव कही परामर्श कहलाता है।


Q.133. व्यक्तित्वशील गुण से आप क्या समझते हैं ?

Ans   व्यक्तित्व का निर्माण अनेक प्रकार शीलगुणों से होता है। शीलगुण आपस में संयुक्त रूप से कार्य करते हैं, जिनसे व्यक्ति के जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन को उचित दिशा एवं गति प्राप्त होती है। इसी कारण इसे सामान्य भाषा में व्यक्तित्व की विशेषताएँ भी कहा जाता है। अब प्रश्न है कि शीलगुण से क्या अभिप्राय है ? मनोवैज्ञानिकों ने इस प्रश्न के उत्तर में कहा है कि व्यक्तित्व की स्थायी विशेषताएँ जिनके कारण उनके व्यवहार में स्थिरता दिखाई पड़ती है, शीलगुण के नाम से जानी जाती है।


Q. 134. बुद्धि-लब्धि क्या है ? किस प्रकार मनोवैज्ञानिक बुद्धि-लब्धि प्राप्तांकों आधार पर लोगों को वर्गीकृत करते हैं ?

Ans   बद्धि-लब्धि – किसी व्यक्ति की मानसिक आयु को उसकी कालानुक्रमिक आयु से भाग देने के बाद उसको 100 से गुणा करने से उसकी बुद्धि-लब्धि प्राप्त हो जाती है।HIND POINT

मनोवैज्ञानिक बुद्धि – लब्धि प्राप्तांकों के आधार पर लोगों को वर्गीकृत करते हैं। इसे निम्नलिखित तालिका द्वारा समझा जा सकता है –

बुद्धि-लब्धि के आधार पर व्यक्तियों का वर्गीकरण

बुद्धि-लब्धिवर्णनात्मक वर्गनामजनसंख्या प्रतिशत
130 से अधिकअतिश्रेष्ठ2.2
120 – 130श्रेष्ठ6.7
110 – 119उच्च औसत16.1
90 – 109औसत50.0
80 -89निम्न औसत16.1
70 – 79सीमावर्ती6.7
70 से कममानसिक रूप से चुनौतीग्रस्त/मंदित2.2

 


Q.135. स्थापना संक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।

Ans यदि एक बच्चा रात का भोजन करने में परेशान करता है तो स्थापन संक्रिया यह होगी कि चायकाल के समय खाने की मात्रा को घटा दिया जाए। उससे रात के भोजन के समय भूख बढ़ जाएगी तथा इस प्रकार रात के भोजन के समय खाने का प्रबलन मूल्य बढ़ जाएगा।
उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि जनसंख्या के लगभग 2 प्रतिशत व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि 130 से अधिक होती है और उतने ही प्रतिशत व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि 70 से कम होती है। पहले वर्ग के लोगों को बौद्धिक रूप से प्रतिभाशाली कहा जाता है जबकि दूसरे वर्ग के लोगों को मानसिक रूप से चुनौतीग्रस्त या मानसिक रूप से मंदित कहा जाता है। ये दोनों वर्ग अपनी संज्ञानात्मक, संवेगात्मक तथा अभिप्रेरणात्मक विशेषताओं में सामान्य लोगों की अपेक्षा पर्याप्त भिन्न होते हैं।


Q.136. सामान्य कौशल क्या है ? समझाएँ।

Ans ये कौशल मूलतः सामान्य स्वरूप के हैं और इनकी आवश्यकता सभी प्रकार के मनोवैज्ञानिक को होती है चाहे उनकी विशेषता का क्षेत्र कोई भी हो। ये कौशल सभी व्यावसायिक मनोवैज्ञानिक के लिए आवश्यक है चाहे वे नैदानिक एवं स्वास्थ्य मनोविज्ञान के क्षेत्र के हों,
औद्योगिक/संगठनात्मक, सामाजिक तथा बौद्धिक कौशल दोनों शामिल होते हैं। यह उपेक्षा की जाती है कि किसी भी प्रकार का व्यावसायिक प्रशिक्षण उन विद्यार्थियों को नहीं दिया जाना चाहिए जिनमें इन कौशलों का अभाव हो। एक बार इन कौशलों का प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने के बाद ही किसी विशिष्ट प्रशिक्षण देकर उन कौशलों का अग्रिम विकास किया जा सकता है?


Q.137.साक्षात्कार और प्रेक्षण में भेद स्पष्ट कीजिए।

Ans साक्षात्कार की विधि में परीक्षणकर्ता व्यक्ति से वार्तालाप करके सूचनाएँ एकत्र करता है। इसे प्रयुक्त होते हुए देखा जा सकता है जब कोई परामर्शदाता किसी सेवार्थी से अंत:क्रिया करता है, एक विक्रेता घर-घर जाकर किसी विशिष्ट उत्पाद की उपयोगिता के संबंध में सर्वेक्षण करता है, कोई नियोक्ता अपने संगठन के लिए कर्मचारियों का चयन करता है अथवा कोई पत्रकार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के विषयों पर महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों का साक्षात्कार करता है।
प्रेक्षण में व्यक्ति को नैसर्गिक या स्वाभाविक दशा में घटित होने वाली तात्क्षणिक व्यवहारपरक घटनाओं का व्यवस्थित, संगठित तथा वस्तुनिष्ठ ढंग से अभिलेख तैयार किया जाता है। कुछ गोचर, जैसे-‘मातृ-शिशु अंत:क्रिया’ का अध्ययन प्रेक्षण-प्रणाली द्वारा सरलता से किया जा सकता है। प्रेक्षण-प्रणाली की एक बड़ी समस्या यह है कि इसमें स्थिति पर प्रेक्षक का बहुत कम नियंत्रण होता है और प्रेक्षण से प्राप्त विवरण की प्रेक्षण द्वारा व्यक्तिनिष्ठ व्याख्या की जा सकती है।


Q.138. मनोमितिक उपागम और सूचना प्रक्रमण उपागम में अंतर स्पष्ट कीजिए।

Ans मनोमितिक उपागम में वृद्धि को अनेक प्रकार की योग्यताओं का एक समुच्चय माना जाता है। यह व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले निष्पादन को उसकी संज्ञानात्मक योग्यताओं के एक सूचकांक के रूप में व्यक्त करता है। दूसरी ओर, सूचना प्रक्रमण उपागम में बौद्धिक तर्कना तथा समस्या समाधान में व्यक्तियों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं का वर्णन किया जाता है। इस उपागम का प्रमख केंद्रबिंदु एक बुद्धिमान व्यक्ति द्वारा की जाने वाली विभिन्न क्रियाओं पर होता है। बुद्धि की संरचना तथा उसमें अंतर्निहित विभिन्न विमाओं पर अधिक ध्यान न देकर सूचना प्रक्रमण उपागम बुद्धिमत्तापूर्ण व्यवहारों में अंतर्निहित संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं के अध्ययन पर अधिक बल देता है।


Q.139. बुद्धि संरचना मॉडल की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।

Ans   जे. पी. गिलफोर्ड ने बुद्धि संरचना मॉडल (Structure of intellect model) प्रस्तुत किया जिसमें बौद्धिक विशेषताओं को तीन विमाओं में वर्गीकृत किया गया है-संक्रियाएँ, विष्यवस्त तथा उत्पाद। संक्रियाओं को तीन तात्पर्य बुद्धि द्वारा की जाने वाली क्रियाओं से है। इसमें संज्ञान, स्मृति अभिलेखन, स्मृति प्रतिधारण, अपसारी उत्पादन, अभिसारी उत्पादन तथा मूल्यांकन की क्रियाएँ होती हैं। विषयवस्तु का संबंध उस सामग्री या सूचना के स्वरूप से होता है जिस पर व्यक्ति को बौद्धिक क्रियाएँ करनी होती हैं। इसमें चाक्षुष श्रवणात्मक, प्रतीकात्मक (जैसे-अक्षर तथा संख्याएँ), अर्थविषयक (जैसे-शब्द) तथा व्यवहारात्मक (व्यक्तियों के व्यवहार, अभिवृत्तियों, आवश्यकताओं आदि से संबंधित सूचनाएँ) रहती हैं। उत्पादन का अर्थ उस स्वरूप से होता है जिसमें व्यक्ति सूचनाओं का प्रक्रम करता है। उत्पादों को इकाई, वर्ग संबंध, व्यवस्था, रूपांतरण तथा निहितार्थ में वर्गीकृत किया जाता है। चूँकि इस वर्गीकरण में 6x5x6 वर्ग बनते हैं इसलिए इस मॉडल में 180 प्रकोष्ठ होते हैं। प्रत्येक प्रकोष्ठों में एक से अधिक कारक भी हो सकते हैं। प्रत्येक कारक का वर्णन तीनों विमाओं के द्वारा किया जाता है।

Q.140. वैयक्तिक तथा समूह बुद्धि परीक्षण में भेद स्पष्ट कीजिए।

Ans वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण वह परीक्षण होता है जिसके द्वारा एक समय में एक ही व्यक्ति का बुद्धि परीक्षण किया जा सकता है। समूह बुद्धि परीक्षण को एक साथ बहुत-से व्यक्तियों को समूह में दिया जा सकता है। वैयक्तिक परीक्षण में आवश्यक होता है कि परीक्षणकर्ता परीक्षार्थी से सौहार्द्र स्थापित करे और परीक्षण सत्र के समय उसकी भावनाओं, भावदशाओं और अभिव्यक्तियों के प्रति संवेदनशील रहे।
समूह परीक्षण में परीक्षणकर्ता को परीक्षार्थियों की निजी भावनाओं से परिचित होने का अवसर नहीं मिलता। वैयक्तिक परीक्षणों में परीक्षार्थी पूछे गए प्रश्नों का मौखिक अथवा लिखित रूप में भी उत्तर दे सकता है अथवा परीक्षणकर्ता के आदेशानुसार वस्तुओं का प्रहस्तन भी कर सकता है। समूह परीक्षण में परीक्षार्थी सामान्यतः लिखित उत्तर देता है और प्रश्न भी प्रायः बहुविकल्पी स्वरूप के होते हैं।


S.N Class 12th Psychology ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
1.Psychology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 1
2.Psychology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 2
3.Psychology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 3
4.Psychology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 4
5.Psychology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 5
6.Psychology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 6
S.N Class 12th Psychology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )
1.Psychology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 1
2.Psychology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 2
3.Psychology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 3
4.Psychology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 4
5.Psychology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 5
6.Psychology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 6
7.Psychology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 7

Back to top button