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8. वैद्युत चुम्बकीय तरंगें ( Short Answer Type Question )

 

8. वैद्युत चुम्बकीय तरंगें


Q. 1. विद्युत-चुम्बकीय तरंग क्या है ? चित्र सहित इसकी प्रकृति समझाएँ।

Ans ⇒ विद्युत-चम्बकीय तरंग – दोलन गति करते आवेशित कण से उत्पन्न तरंगों को विद्युत चुम्बकीय तरंग कहते हैं। चित्रानुसार इसमें समान आवृत्ति तथा कला के एक-दूसरे के लम्बवत् तथा तरंग की गति की दिशा के लम्बवत् विद्युत क्षेत्र गॉस के नियम सेचुम्बकीय क्षेत्र exerts a force का दोलन होता है। ये अनुप्रस्थ तरंगें होती हैं । इसके संचरण की दिशा सदिश गॉस के नियम से तथा exerts a force  युक्त तल पर अभिलम्बवत् होती है तथागॉस के नियम से x  exerts a force द्वारा प्राप्त की जाती है।
विद्युत-चम्बकीय तरंगविद्युत चुम्बकीय तरंग का विचार सर्वप्रथम 1864 ई० में मैक्सवेल द्वारा दिया गया, जिसका सत्यापन हर्ट्ज द्वारा 1896 ई० में किया गया।


Q.2. विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में निहित विभिन्न तरंगों के नाम, उसकी आवृत्ति परास तथा आविष्कारक का नाम लिखें।

Ans ⇒ विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में निहित विभिन्न तरंगों के नाम, उसकी आवृत्ति परास तथा आविष्कारक के नाम निम्नलिखित हैं :

S.Nतरंगों के नामआवृत्ति परास (हर्ट्ज)आविष्कारक का नाम
1.गामा किरणें3 x 1021 – 3 x 1018बैकरल तथा क्यूरी
2. एक्स-किरणें3 x 1018 – 3 x 1016रोएंट्जन
3.पराबैंगनी-विकिरण3 x 1016 – 7.5 x 1014रिटर
4.दृश्य प्रकाश7.5 x 1014 – 3.8 x 1014न्यूटन
5.अवरक्त विकिरण3 x 104 – 3 x 1011हरशैल
6.माइक्रो तरंगें3.8 x 104 – 3 x 108हर्ट्ज
7.रेडियो तरंगें3 x 1011 – 3 x 104मारकोनी

Q.3. पृथ्वी के वायुमण्डल की विभिन्न परतों के नाम लिखें तथा उनके प्रमुख भौतिक गुणों का वर्णन करें।

Ans ⇒ पृथ्वी के वायुमण्डल को निम्नलिखित पाँच परतों में विभाजित किया गया है –

(i) क्षोभ मण्डल – इस परत की ऊँचाई पृथ्वी तल से लगभग 12 किमी. है। इस परत में उपस्थित जलवाष्प तथा कार्बनडाइ ऑक्साइड सूर्य तथा पृथ्वी से आने वाले अवरक्त विकिरणों को अवशोषित कर लेती है।

(ii) समताप मण्डल – यह परत पृथ्वी तल से 12 किमी. की ऊँचाई तक फैली होती है। इस परत के वायुमण्डल का ताप लगभग एक समान रहता है।

(iii) ओजोन मण्डल – यह परत पृथ्वी तल से लगभग 30 किमी. की ऊँचाई से 50 किमी. की ऊँचाई तक फैली होती है। यह परत सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरणों को अवशोषित कर लेती है ।

(iv) मध्य मण्डल – यह परत पृथ्वी तल से लगभग 50 किमी. से 80 किमी. की ऊँचाई तक होती है। इस परत का ताप ऊँचाई बढ़ने पर घटता जाता है।

(v) आयन मण्डल – यह परत पृथ्वी तल से लगभग 80 किमी. से 300 किमी. की ऊँचाई तक फैली होती है। सूर्य से आने वाली रेडियो तथा माइक्रो तरंगें इससे परावर्तित होकर पुनः अन्तरिक्ष में चली जाती हैं तथा पृथ्वी से प्रेषित रेडियो तरंगें आयन मण्डल से पूर्णतः आन्तरिक परावर्तित होकर वापस पृथ्वी पर आ जाती हैं।


Q.4. विद्युत चुम्बकीय तरंगों तथा ध्वनि तरंगों में अंतर स्पष्ट करें।

Ans ⇒ विद्युत चुम्बकीय तरंगों तथा ध्वनि तरंगों में निम्नलिखित अन्तर है –

S.Lविद्युत चुम्बकीय तरंगेंध्वनि तरंगें
1.विद्युत चुम्बकीय तरंगें अनुप्रस्थ होती हैं।ध्वनि तरंगें वायु में अनुदैर्ध्य होती है।
2.इसके संचरण के लिए भौतिक माध्यम आवश्यक नहीं है अर्थात् ये निर्वात में भी संचरित होती है।इसके संचरण के लिए भौतिक माध्यम आवश्यक है अर्थात ये तरंगें निर्वात में संचरित नहीं होती है।
3.इसमें वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत् तथा तरंग की गति की दिशा के लम्बवत् कम्पन करते हैं।इसमें माध्यम से कण तरंग गति की दिशा में कम्पन करते हैं।
4.ये ध्रुवण का गुण भी दर्शाती है।ये ध्रुवण का गुण नहीं दर्शाती है।

 


Q.5. विद्युत चुम्बकीय तरंगों के प्रमुख गुणों का उल्लेख करें।

Ans ⇒ विद्युत चुम्बकीय तरंगों के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं –
(a) विद्युत चुम्बकीय तरंगों के अनावेशित होती है इसीलिए विद्युत या चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति द्वारा प्रभावित नहीं होती है।
(b) ये तरंगें प्रकृति में अनुप्रस्थ होती है तथा त्वरित विद्युत आवेश से उत्पन्न होती है।
(c) ये तरंगें निर्वात में भी सीधी रेखाओं में संचरित होती है तथा इसका वेग समान माध्यम में प्रकाश के वेग के बराबर होता है।
(d) इन तरंगों की आवृत्ति v तथा तरंगदैर्ध्य λ, वेग C से निम्नलिखित सम्बन्ध रखते हैं –
                                            C = vλ
(e) ये तरंगें एक-दूसरे के लम्बवत् परिवर्ती विद्युत तथा चुम्बकीय दोलनों द्वारा संचरित होती है।
(f) ये तरंगें परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण, विवर्तन तथा ध्रुवण के गुण प्रदर्शित करती है।
(g) इन तरंगों में छोटे पैक्टों जिसे फोटॉन या क्वांटा कहते हैं; के रूप में ऊर्जा देते हैं।
इए फोटॉन की ऊर्जा E = hv = hc/λ होती है, जहाँ h प्लांक नियतांक = 6.625 x 10-34 जूल-सेकेण्ड है।
कुल ऊर्जा W = Nhv होती है, जहाँ N फोटॉन की संख्या है।


Q.6. विद्युत चुंबकीय तरंग में चुंबकीय क्षेत्र सदिश exerts a force एवं विद्युत क्षेत्र सदिश गॉस के नियम से में कौन ज्यादा प्रभावी होता है एवं क्यों ?

Ans ⇒ विद्युत चुम्बकीय तरंगें में चुम्बकीय क्षेत्र एवं विद्युत क्षेत्र दोनों एक समान प्रभावी होते हैं। ये क्षेत्र आवेश के दोलनों की आवृत्ति के समान ही दोलन करते हैं।


Q.7.x-किरणों के किन्हीं दो गणों को लिखें।

Ans ⇒ (i) X-किरणें विद्युत चुंबकीय तरंग है।
(ii) X-किरणे का स्थिर द्रव्यमान शून्य लेकिन गतिशील द्रव्यमान hv/c2 है।


Q.8. किसी विद्युत-चुम्बकीय क्षेत्र तरंग से जुड़े वैद्युत ऊर्जा घनत्व एवं चुम्बकीय ऊर्जा घनत्व का व्यंजन लिखें तथा दर्शाइए कि उनका अनुपात 1 होता है।

Ans ⇒ वैद्युत ऊर्जा घनत्व वैद्युत ऊर्जा घनत्व जहाँ ε0 = 4π x 10-7 wb A-1 m-1, μ = 8.85 x 10-12 C2 N-1m-2


Q.9. विद्युत-चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में निहित विभिन्न तरंगों के संसूचन की विधि तथा उसका उपयोग क्या है ?

Ans ⇒ विद्युत-चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में निहित विभिन्न तरंगों के संसूचन की विधि तथा उसके उपयोग निम्नलिखित हैं –

S.Lतरंगों के नामसंसूचन विधिउपयोग
1.गामा किरणेंउच्च वेधन क्षमता होती है।कैंसर चिकित्सा में
2.एक्स-किरणेंलकड़ी या धातु के आवरण में रखी फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित कर देती है।सर्जरी चिकित्सा में
3.पराबैंगनी-विकिरणप्रकाश विद्युत प्रभाव उत्पन्न करती है तथा सर्वाधिक रासायनिक प्रभाव होता है।अनेक रोगों के कीटाणुनाशक में
4.दृश्य प्रकाशइससे अन्य वस्तुएँ देखी जाती है।अन्य वस्तुएँ देखने में
5.अवरक्त विकिरणऊष्मीय प्रभाव सर्वाधिक होता है।रोगियों की सिकाई करने में
6.माइक्रो तरंगेंक्रिस्टल संसूचक या अर्द्ध चालक डायोड पर।रडार तथा दूरसंचार में
7.रेडियो तरंगेंप्रेरकत्व-धारित्व (L-C) परिपथ द्वारासंचार प्रसारण तथा टेलीविजन में

 


Q.10. UV-किरणों के कुछ गुणों को लिखिए।

Ans ⇒ UV-किरणों के गुण निम्नलिखित हैं –

(i) ये परिवर्तन और अपवर्तन के नियमों का पालन करती हैं।
(ii) ये व्यतिकरण के अंतर्गत जा सकती हैं और ध्रुवित की जा सकती है।
(iii) ये कुछ पदार्थों में प्रतिदीप्ति उत्पन्न करती हैं।
(iv) ये फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित कर सकती हैं।
(v) जब त्वचा सूर्य के प्रकाश में विवरण के लिए छोड़ी जाती है तो ये विटामिन-D का संश्लेषण करती है।
(vi) जब धातुओं पर UV किरणें पड़ने दी जाती हैं तो उनसे प्रकाशित इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करती हैं।
(vii) ये काँच में से नहीं गुजर सकतीं।
(viii) UV प्रकाश के लिए सेंधा नमक, फलोराइट और क्वार्ट्ज पारदर्शी हैं।


Q.11. अवरक्त किरणों के कुछ गुण लिखिए।

Ans ⇒ अवरक्त किरणों के गुण निम्नलिखित हैं –
(i) ये em तरंगें हैं और निर्वात् में प्रकाश की चाल से चलती हैं।
(ii) ये परावर्तन एवं अपवर्तन के नियमों को पालन करती हैं।
(iii) ये फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित करती हैं।
(iv) इनको ध्रुवित किया जा सकता है।
(v) ये व्यतिकरण उत्पन्न करती हैं।
(vi) वायुमंडल में कोहरे और धुएँ की स्थितियों में दृश्य विकिरण की अपेक्षा ये कम प्रकीर्ण होती हैं।
(vii) जब ये अणुओं से अवशोषित होती हैं तो ऊर्जा के दोलन में बदल जाती है।


Q.12. किरणों के कुछ उपयोग बताएँ।

Ans ⇒ किरणों के उपयोग निम्नलिखित हैं –
(i) ये मांसपेशियों के तनाव के उपचार करने के काम में लाई जाती हैं।
(ii) उपग्रहों को सौर सेलों की सहायता से वैद्युत ऊर्जा प्रदान करने के काम आती हैं।
(iii) वे निर्जालित फलों को उत्पन्न करने में काम आती है।
(iv) इनका उपयोग सौर पानी उष्मक और सौर कूकर में किया जाता है।
(v) कोहरे और धुएँ की स्थितियों में इन्हें चित्र (फोटोग्राफी) लेने के काम में लाया जाता है।
(vi) IR फोटोग्राफी को मौसम की भविष्यवाणी करने में काम में लाया जाता है।
(vii) सूर्य से अवरक्त प्रकाश (IR) पृथ्वी को गर्म रखने और उस पर जीवन को कायम रखने के (पोषित करने) काम में लाया जाता है।


Class 12th physics Subjective question in hindi

भौतिक विज्ञान ( Physics ) Short Answer Type Question
1 विधुत आवेश तथा क्षेत्र
2स्थिर विधुत विभव तथा धारिता
3विधुत धारा
4गतिमान आवेश और चुम्बकत्व
5चुम्बकत्व एवं द्रव्य
6विधुत चुम्बकीय प्रेरण
7प्रत्यावर्ती धारा
8विधुत चुम्बकीय तरंगें
9किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
10तरंग प्रकाशिकी
11विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति
12परमाणु
13 नाभिक
14अर्द्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ
15संचार व्यवस्था

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